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Fraud will not work under the guise of direct selling, eight states have taken this step for monitoring| डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में धोखाधड़ी नहीं चलेगी, निगरानी के लिए इन आठ राज्यों ने उठाया यह कदम

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डायरेक्ट सेलिंग- India TV Paisa
Photo:FILE डायरेक्ट सेलिंग

‘डायरेक्ट सेलिंग’ की निगरानी के लिए अबतक आठ राज्यों द्वारा समितियों का गठन किया गया है। यह कदम डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में धोखाधड़ी की योजनाएं चलाने वाली इकाइयों पर अंकुश लगाने और डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है। इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के चेयरमैन रजत बनर्जी ने कहा कि यह कदम संबंधित राज्यों में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की रक्षा करने और नीतिगत स्पष्टता प्रदान करने में मदद करेगा।

निगरानी के लिए समितियों के गठन का प्रावधान

केंद्र सरकार ने दिसंबर, 2021 में उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियम अधिसूचित किए थे। इसके तहत राज्य सरकारों द्वारा डायरेक्ट सेलिंग विक्रेताओं और कंपनियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए समितियों के गठन का प्रावधान है। देश का डायरेक्ट सेलिंग उद्योग लगभग 19,000 करोड़ रुपये का है। इस तरह के मामले आए हैं कि डायरेक्ट सेलिंग गतिविधियों के नाम पर इकाइयों द्वारा लोगों को धोखा देने वाली योजनाएं लाई जा रही हैं। इसके चलते उद्योग का संकट बढ़ा है। आठ राज्यों आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, पश्चिम बंगाल, गोवा और पंजाब ने अपने-अपने राज्यों में निगरानी समितियों को अंतिम रूप दे दिया है और उन्हें अधिसूचित कर दिया है।

अन्य राज्य सरकारों के साथ भी बातचीत

बनर्जी ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘पांच राज्यों में आईडीएसए को निगरानी समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा आईडीएसए इसी तरह की निगरानी समितियों के गठन के लिए कुछ अन्य राज्य सरकारों के साथ भी बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र जल्द ही निगरानी समिति को अधिसूचित कर सकते हैं। डायरेक्ट सेलिंग से होने वाली कुल बिक्री में महाराष्ट्र सबसे आगे है। वित्त वर्ष 2021-22 में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की कुल बिक्री में महाराष्ट्र का हिस्सा 12 प्रतिशत था। इसके बाद 10-10 प्रतिशत के साथ प.बंगाल और उत्तर प्रदेश का स्थान है।

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