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PoK हमारा है…सारा का सारा है, हर प्रताड़ित कश्मीरी याद रखेगा, मोदी ने उनके लिए क्या किया: अमित शाह

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गृह मंत्री अमित शाह।- India TV Hindi

Image Source : SANSAD TV
गृह मंत्री अमित शाह।

लोकसभा में बुधवार को जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2023 पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर से विस्थापित हुए लोगों के लिए सहानूभूति जताई। उन्होंने कहा 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों हुए जुल्मों पर चर्चा की और विपक्षी दलों पर भी जमकर निशाना साधा। गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में ये तक कहा कि कश्मीर में दोबारा ऐसी घटना हुई तो उसे सरकार रोकेगी। 

अधिकार देने और सम्मानपूर्वक अधिकार देने में अंतर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा कि मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए, यही भारत के संविधान की मूल भावना है। उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है।

PoK हमारा है…सारा का सारा है

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि PoK हमारा है और सारा का सारा है। उन्होंने ये भी कहा कि हर प्रताड़ित कश्मीरी याद रखेगा कि पीएम मोदी ने उनके लिए क्या किया है। उन्होंने कहा कि पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं। कश्मीर में पहले 46 थीं, अब 47 हैं और पीओके में 24 सीटें आरक्षित की गई हैं क्योंकि पीओके हमारा है।

क्या है विधेयक में प्रावधान?

संसद में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2023 विधेयक आया है। पहले विधेयक में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों और पीओके से विस्थापित लोगों के लिए 3 सीटें रिजर्व करने की बात कही गई है। दूसरे बिल में वंचित और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की बात कही गई है। बता दें कि 3 सीट में से 1 सीट महिला और एक पीओके से विस्थापित नागरिक के लिए रिजर्व होगी। 

पीएम मोदी जानते हैं गरीबों का दर्द

अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने इस विधेयक को कम आंकने की भी कोशिश की। किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदल रहा है। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ उनका सम्मान जुड़ा है। ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं, वे इसे नहीं समझ सकते जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए। वे गरीबों का दर्द जानते हैं।

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